आज फिर मन मे एक आग लगी,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
बात करने की मेरी उससे आरजू जगी,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
जहाँन मे आकर वो दूर चला गया,
लेकीन इतना भी दूर ना हुआ |
पास रहकर ही मुझे है सताया,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
उढते-जागते, चलते-ऊछलते,
तुम ही मेरे हमसफर बन रह गऐ |
आज दूर जाने की फिर तमन्ना है जगी,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
बातो ने तेरी मुझे हसाया,
रूलाया भी उन्होने ही है मुझे |
पर न जाने आज ये लिखने का मन कर रहा,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
यह दिल ही तो है जो सँभला है,
पर तेरी यादों ने ये क्या किया ?
गिला है , शिकवा है किन्तु कोई ना दुश्मनी,
पर फिर भी ! न जाने अैसा क्यों हुआ ?
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
बात करने की मेरी उससे आरजू जगी,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
जहाँन मे आकर वो दूर चला गया,
लेकीन इतना भी दूर ना हुआ |
पास रहकर ही मुझे है सताया,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
उढते-जागते, चलते-ऊछलते,
तुम ही मेरे हमसफर बन रह गऐ |
आज दूर जाने की फिर तमन्ना है जगी,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
बातो ने तेरी मुझे हसाया,
रूलाया भी उन्होने ही है मुझे |
पर न जाने आज ये लिखने का मन कर रहा,
न जाने अैसा क्यों हुआ ?
यह दिल ही तो है जो सँभला है,
पर तेरी यादों ने ये क्या किया ?
गिला है , शिकवा है किन्तु कोई ना दुश्मनी,
पर फिर भी ! न जाने अैसा क्यों हुआ ?
Bahut badiya bhai UV
ReplyDeleteआप जैसे दोस्तो के लिए ही...
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletenyc. lines. .👌👌👌
ReplyDeleteबहोत बहोत धन्यवाद भाई
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